Monday, April 15, 2013

एक कहानी में पढ़ें...

लेटर-बॉक्स--अज्ञेय 
दोनों बूढ़े थे और बाल-बच्चा उनका कोई नहीं था - दो बेटे जंग में मारे गये थे जापान की तरफ़। लाहौर में आ मिलने को कह गये थे। लाहौर की तरफ़ जाते-जाते और भी कई लोग उनके साथ हो गये थे, लेकिन रास्ते में कुछ लोगों ने बन्दूकों से बहुत-सी गोलियाँ चलायीं और कुछ साथ के मारे गये - चाचा भी मर गये। पर साथियों ने रुकने नहीं दिया। बहुत जल्दी-जल्दी बढ़ते गये। लाहौर में बाबूजी के मिलने की बात थी, पर लाहौर वे लोग गये ही नहीं। रास्ते में और बहुत से लोग मिले थे, उन्होंने कहा कि लाहौर जाना ठीक नहीं इसलिए रास्ते में से मुड़ गये।
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