देश के पाँच राज्यों के चुनाव संपन्न हुए । इन पाँच प्रदेशों में हर प्रान्त
में सत्ता परिवर्तन
हुआ । यही हमारे लोकतंत्र की खूबी है । विश्व के सबसे
बड़े लोकतंत्र में आज भी जनता की शक्ति सलामत है जो
हमारे लोकतंत्र की जडों को लगातार मजबूत बनाए हुए है। 70 साल की आजादी में हमारे देश में कभी भी लोकतंत्र हारा नहीं, जब कभी भी लोकतंत्र पर खतरा मंडराता सा लगा, जनता ने अपनी बुध्दिमानी व समझदारी
का परिचय देते हुए देश में लोकतंत्र को मजबूत बनाने में अपनी महती भूमिका व जिम्मेदारी
निभाई ।
इन पाँच प्रदेशों
में एक हमारा छत्तीसगढ भी है । यहाँ भी सत्ता परिवर्तन हुआ । विगत 3 चुनाव जीतकर 15 वर्षों से सत्ता में रही
भारतीय जनता पार्टी इस बार बुरी तरह परास्त होकर विपक्ष में चली गई ।
इसके साथ ही लम्बे समय से संघर्ष कर रही कांग्रेस इस
बार 90 में से 68 सीटें लेकर लगभग 3 चौथाई बहुमत से सत्ता हासिल करने में कामयाब हुई । कांग्रेस
की जीत में महती भूमिका निभाने वाले युवा व जुझारू नेता श्री भूपेश बघेल मुख्य मंत्री
बने । युवा होते प्रदेश की कमान एक युवा मुख्यमंत्री को दिए जाने से प्रदेश की जनता
में हर्ष व उत्साह की लहर व्याप्त है । इस हर्ष व उत्साह की लहरों में जहां एक ओर
असीमित अपेक्षाएँ व उम्मीदे हिलोरें ले रही हैं वहीं गए वादों व जनहित के मुद्दों
पर अविलंब अमल की चुनौतियां भी सामने हैं ।नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल
ने पदभार ग्रहण करते ही अपने वादे के मुताबिक महज एक घंटे के भीतर किसानों का कर्ज
माफ करते हुए अपने स्पष्ट दृष्टिकोण, प्रतिबध्द इरादों व सकारात्मक कार्यशैली का परिचय दे दिया है। मुख्यमंत्री की इस कार्यशैली
से जनता काफी उत्साहित हुई व जनता में सरकार के प्रति विश्वास कायम हुआ है।
अब से पहले तक जनता के मन में यही बात घर किए बैठी थी कि पार्टियाँ चुनाव में
जो वादे करती हैं वो खोखले व वोट पाने के लिये ही होते हैं। इस बार हमारे प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने शपथ ग्रहण के पश्चात पहली बैठक में अपने प्रमुख वादों पर तत्काल अमल कर पुराने मिथक व भ्रम को तोड़ा है । कहा जा सकता है कि जनता की असीमित अपेक्षाओं और अपने
वायदों के अमल की सख्त चुनौतियों की पहली पायदान मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल सफलतापूर्वक पार कर गए हैं । उनकी इस कार्यशैली से जनता में ये उम्मीद बढ़ी
है कि वे आगे भी सभी वायदों पर इसी तरह प्रतिबध्द होकर अमल करेंगे। छत्तीसगढ़ ही नहीं इस बार कांग्रेस ने जीते हुए
सभी राज्यों में प्रमुख वादों पर तत्काल अमल की नई कार्यशैली का आगाज़
किया है जिसका जनमानस पर काफी सकारात्मक असर हो रहा है ।
किसानों के कर्ज माफ करने के पश्चात मुख्यमंत्री श्री भूपेश
बघेल द्वारा दो टूक शब्दों में रिटायर्ड कर्मियों की संविदा नियुक्ति एवं आउट सोर्सिंग बंद किये जाने की मंशा ने बेरोजगार युवाओं में उम्मीद की नई किरण जगाई है । बेरोजगारी हमारे प्रदेश की बहुत बडी समस्या है।
शिक्षित बेरोजगारीं की संख्या दिन ब दिन बढती जा रही है । विगत वर्षों में हमारे प्रदेश
में निजि शिक्षण संस्थान तो तेजी से बढे मगर इनमें शिक्षा की गुणवत्ता
पर कोई ध्यान नहीं दिया गया । यह आज एक एक गंभीर समस्या बनकर प्रदेश के पालकों की चिंता का प्रमुख कारण बन गया है । जहां एक ओर शिक्षा की
निम्न गुणवत्ता के चलते प्रदेश के प्रतिभावान व मेधावी छात्र दूसरे प्रदेशों में
अध्ययन के लिए पलायन को मजबूर हो रहे हैं वहीं
उद्योग व्यापार में यथोचित निवेश न हो पाने के कारण रोजगार की दिक्कते भी उतनी ही तेजी से बढती गई
हैं, जिससे शिक्षित युवा वर्ग भी पलायन को मजबूर हुए हैं । उच्च शिक्षा प्राप्त मेहनती, सक्षम व समर्थ युवा वर्ग रोजगार की तलाश में अपने गृह प्रदेश से दूर जाकर
नौकरी करने को मजबूर है।
युवा वर्ग को ये उम्मीद है कि प्रदेश
के नए मुखिया, प्रदेश में ही रोजगार के
नए अवसरों के सृजन हेतु ठोस योजना पर गंभीरता से विचार कर बौध्दिक पलायन पर विराम लगाने
में कामयाब होंगे। हम भी उम्मीद करते हैं हमारे
नव निर्वाचित मुख्यमंत्री युवा वर्ग की इस समस्या को दूर करने के लिये सुनियोजित वर्क
प्लान लायेंगे। हम आशा करते हैं कि विभिन्न मुद्दों को लेकर लगातार संघर्ष करते हुए
आज प्रचंड बहुमत से मुख्य मंत्री पद पर पहुंचे श्री भूपेश बघेल युवाओं के साथ ही प्रदेश
की आम जनता की अपेक्षाओं व उम्मीदों पर खरे उतरेंगे।
जीवेश चौबे
No comments:
Post a Comment