Monday, December 15, 2014

रायपुर साहित्य महोत्सव पर------------निर्वाचित हत्यारों के साथ रायपुर मेँ ---विमल कुमार

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मैं रायपुर जाना चाहता हूँ
हत्यारों के सामने शीश नवाने के लिए
उन्हें बताने के लिए 
कि मुल्क में अब बहुत शांति है
दंगे फसाद अब नहीं होते
और कोई भूखा नहीं है अब
डिजिटल इंडिया में
मैं रायपुर जाकर यह भी बताना चाहता हूँ
कि तुम मुझे खरीद भी सकते हो
इस तरह सम्मानित करके
जब चाहो
तुम जहाँ भी करोगे आमंत्रित
वहां हम हाज़िर हो जायेंगे
बिलाशक
मैं अभी जा रहा हूँ
निकल गया हूँ घर से
क्योंकि वहां जाना बहुत जरूरी है
लोकतंत्र की रक्षा के लिए
अगर मैं नहीं गया वहां तो
तो तुम मुझे एक दिन
इतिहास से भी बाहर कर दोगे
जा रहा हूँ
कि उनके अल्बम में एक तस्वीर मेरी भी हो
कम से कम
निर्वाचित हत्यारों के साथ
जो तस्दीक करे
कि मैं कहाँ खड़ा था अपने समय में
-विमल कुमार
( ताकि सनद रहे और वक्त ज़रुरत काम आये )

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