एक जरूरी दंखल---प्रभाकर चौबे
नई आर्थिक नीति के खिलाफ जनजागरण को खबरिया चैनल्स का समर्थन मिलेगा, यह सोचना ही गलत है। खबरिया चैनल्स जिस तंत्र के अधीन हैं, उसके हित में काम कर रहे हैं अत: दो दिन के सफल हड़ताल का कव्हरेज भी मामूली ढंग से भी नहीं हुआ। हां, नोयडा में तोड़-फोड़ को भरपूर कव्हरेज मिला। हर छोटी बात पर प्राईमटाईम में चर्चा करानेवाले न्यूज चैनल्स ने इतनी बड़ी हड़ताल पर चर्चा आयोजित नहीं किया- एकाध ने शायद किया हो....पूरा पढ़ें...
www.vikalpvimrsh.in
![]() |
www.vikalpvimrsh.in