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यथास्थितिवाद से मुठभेड़--प्रभाकर चौबे
लोकतंत्र का मतलब नियमित चुनाव और जनता के अधिकार का मतलब चुनाव में वोट देने तक सीमित कर दिया गया। और जनता ने वोट देने तथा सरकार बनाने के प्रति एक तरह से उदासीनता ओढ़ ली। देश में हर निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार घुसा और हर काम में कमीशन की पैठ मजबूत होती गई। इसका नतीजा यह हुआ कि मेहनतकश तो तकलीफ में रहे आए लेकिन बिचौलियों की खुशहाली बढ़ी।
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यथास्थितिवाद से मुठभेड़--प्रभाकर चौबे
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