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Saturday, February 16, 2013
लखनऊ में वयस्कों का नाटक
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लखनऊ ने वयस्कों के नाटक को अपनाया
ओके टाटा बाई बाई नाम के नाटक में जैसे डायलॉग हैं, वे अगर बंबईया फिल्मों में होते, तो सिर्फ फर्स्ट क्लास के दर्शकों से सीटी और हूटिंग का सामना करना पड़ता. लेकिन नजाकत और नफासत की परंपरा वाले लखनऊ के संजीदा दर्शकों ने बारीकी से इस ड्रामे को समझने की कोशिश की. इप्टा के रंगकर्मी राकेश कहते हैं कि दर्शक समझदार हो रहा है और नाटक इसमें अहम भूमिका निभा रहे हैं, "रंगमंच हमेशा से परिपक्वता का परिचय देता है."
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