Friday, September 27, 2019

दंतेवाड़ा की जीत भूपेश बघेल की नीतियों पर जनता की मुहर है --जीवेश चौबे

दन्तेवाड़ा की  जीत निश्चित रूप से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की नीतियों और जनोन्मुखी योजनाओं की सफलता
की जीत है । एक बात पर ग़ौर किया जाना ज़रूरी है कि इस उपचुनाव के पूर्व लोकसभा चुनाव में कॉंग्रेस को प्रदेश में करारी हार का सामना करना पड़ा हालांकि कॉंग्रेस ने बस्तर में जीत हासिल की मगर लोकसभा चुनाव में मिली करारी शिकस्त का मनोवैज्ञानिक दबाव निश्चित रूप से पूरी पार्टी पर हावी था । लोकसभा चुनाव में हालांकि राष्ट्रीय मुद्दे प्रमुख होते हैं और मतदाता की मानसिकता अलग होती है । अतः इस उप चुनाव में भूपेश सरकार का लगभग 10 माह का कार्यकाल  निश्चित रूप से कसौटी पर था ।  
आदिवासियों को जमीन वापसी का निर्णय हो या वन उत्पादों के समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी या फिर खदानो , प्रकृतिक संसाधनो पर मुख्य मंत्री भूपेश बघेल का रुख , इस जीत के बाद यह मानना ही होगा कि तमाम किन्तु परन्तु से इतर बस्तर की जनता ने  भूपेश बघेल सरकार द्वारा आदिवासी अंचल और आदिवासियों के लिए विगत लगभग 10 माह में किए गए कार्यों पर अपनी मुहर लगाई है । यहां इस बात पर गौर करना जरूरी है कि इन 10 माह के दौरान लगभग 3 माह आचार संहिता के कारण तमाम कल्याणकारी योजनाओं पर अमल नहीं किया जा सका ।
            उल्लेखनीय है कि स्व. महेन्द्र कर्मा के रहते दंतेवाड़ा सीट पर कॉंग्रेस का लगातार दबदबा बना रहा । महेन्द्र कर्मा की नृशंस हत्या के पश्चात 2013 में उनकी पत्नी देवती कर्मा चुनाव जीतीं थीं मगर  पिछली बार 2018 में हुए विधान सभा चुनाव में कर्मा परिवार के अंदरूनी पारिवारिक कलह व असंतोष के कारण भाजपा को लाभ मिला और भाजपा के भीमा मंडावी चुनाव जीत गए थे । इसके बावजूद मुख्य मंत्री ने एक बार फिर देवती कर्मा पर ही भरोसा किया और व्यक्तिगत रुचि लेकर कर्मा परिवार के आपसी मतभेद दूर करवाने में सफलता हासिल की । इसके साथ ही पार्टी संगठन को विश्वास में लेकर मुख्यमंत्री के नेतृत्व में सुनियोजित रणनीति व पूरी ताकत के साथ चुनाव लड़ा गया जिसके परिणामस्वरूप कॉंग्रेस ने भाजपा से अपनी सीट वापस हासिल करने में कामयाबी हासिल की ।

इस जीत का फायदा निश्चित रूप से अगले माह होने वाले चित्रकोट उप चुनाव में मिलेगा । इस जीत से जहां केन्द्रीय नेतृत्व व संगठन में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का कद बढ़ेगा, उनकी साख बढ़ेगी और उन पर विश्वास बढ़ेगा वहीं उनका खुद का आत्मविश्वास भी मजबूत होगा  ।     

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